Home StateChhattisgarh पहले बरसात में भी नहीं कर पाते थे खेती, अब गर्मी में भी ले रहे फसल- कृषक परदेशी राम

पहले बरसात में भी नहीं कर पाते थे खेती, अब गर्मी में भी ले रहे फसल- कृषक परदेशी राम

बिना ईंधन के पहुंच रहा कृषकों के खेतों तक पानी

by MTI News India

 

पहले बरसात में भी नहीं कर पाते थे खेती, अब गर्मी में भी ले रहे फसल- कृषक परदेशी राम

सुकमा ।   कृषकों के लिए अपनी फसल का अच्छा दाम पाना सफल खेती का प्रमाण होती है। किंतु कृषक परदेशी राम मड़कामी के लिए अपनी पहली फसल जिले के कलेक्टर को भेंट करना जीवन का अनमोल पल रहा। अपने खेत में लगे टमाटर भेंट कर परदेशी राम ने जैसे कलेक्टर और सभी संबंधित विभागों को कृषकों के हित में दिन रात लगे रहने के लिए धन्यवाद दिया। जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर पर मलगेर नदी पर बने गिरदालपारा परियोजना का लाभ ले रहे कृषक परदेशी राम ने सहर्ष बताया की उन्हें कभी भी इस बात की आस नही थी कि वे अपनी भूमि पर दोहरी फसल लेकर अतिरिक्त आय का लाभ कमा पाएंगे। पहले सिंचाई सुविधा सुदृढ़ नही थी जिसके कारण वे सीमित क्षेत्र मात्र में अपनी फसल लगा पाते थे। बरसात में भी फसल अच्छी नही होती थी, किंतु इस लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम की बदौलत अब अधिक रकबे में सिंचाई कर टमाटर, मिर्च आदि की फसल से लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने कहा की इस उपलब्धि का श्रेय कलेक्टर  विनीत नंदनवार को जाता है, जिनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है की गिरदालपारा के कृषकों के जीवन में बदलाव की बयार आई है। जिन कृषकों ने कभी सोचा नहीं था की से धान के अलावा भी अन्य फसल से लाभ ले पायेंगे, आज कलेक्टर सहित जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग के प्रयासों से हम ग्रामीणों को कृषि में रुझान बढ़ा है और अपने खेतों में मूंग, मक्का, टमाटर, बैंगन, मिर्च आदि की अच्छी पैदावार ले रहे हैं।

पहले बरसात में भी नहीं कर पाते थे खेती, अब गर्मी में भी ले रहे फसल- कृषक परदेशी राम
पहले काम के लिए भटकना पड़ता था, आज स्थानीय तौर पर मिला रोजगार
परदेशी राम मड़कामी के साथ ही अन्य कृषक संदीप मड़कामी ने भावुक स्वर में कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी के वे अपने खेत पर कृषि कार्य कर पाएंगे। क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था नहीं होने के कारण घर चलाने के लिए पड़ोसी राज्यों में जाकर रोजी-मजदूरी, ड्राईवरी का काम करते थे, जिसमें नाम मात्र आय ही अर्जित होती थी, जिससे परिवार चलाना मुश्किल था। बरसात के सहारे धान की फसल लेते थे, जो घर परिवार मात्र को ही पूरता था। गिरदालपारा परियोजना से हम कृषकों को सुविधा मिली और लगभग हर दूसरे दिन अधिकारियों ने आकर गांव के सभी किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया। इसी का परिणाम है कि गांव के सभी किसान इस परिययोजना का लाभ लेने को आतुर हुए और लगभग 80 एकड़ में खेती कर रहे हैं। सिंचाई सुविधा सुदृढ़ हो जाने से अब हम धान की बेहतर पैदावार के साथ ही अन्य फसल, साग सब्जियों से भी लाभ कमा पाएंगे।

पहले बरसात में भी नहीं कर पाते थे खेती, अब गर्मी में भी ले रहे फसल- कृषक परदेशी राम
किसान पुत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास लिए नित नए प्रयास शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं। जिले में किसानों के हित के लिए उद्योग मंत्री  कवासी लखमा के मार्गदर्शन में कलेक्टर विनीत नन्दनवार द्वारा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य किया गया। कृषकों को सिंचाई सुविधा में विकास और विस्तार मिला है, प्रशासन के नवाचारी पहल से गिरदालपारा लिफ्ट इरिगेशन परियोजना इस का सशक्त उदाहरण है, जहां बिना किसी ईंधन के उपयोग मात्र पानी की गतिज उर्जा से ही क्षेत्र के कृषकों के खेत तक सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। जिससे कृषकों के जीवन के खुशहाली साफ नजर आती है। कृषकों ने इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, कलेक्टर सहित सभी संबंधित विभगों को सहृदय धन्यवाद दिया है।
बिना बिजली 24 घंटे पानी की उपलब्धता
मलगेर नदी पर बने इस परियोजना की खासियत यह है टर्बाइन, जिसके मदद से पानी को पम्प करके नदी की सतह से 22 मीटर ऊंचे स्थान पर उठाया जाता हैं, उसमें किसी भी प्रकार के ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी तेल या बिजली का उपयोग नहीं किया जाता। लगभग 1.5 किलोमीटर दूर 25×25 मीटर टंकी, जिसकी गहराई 1.20 मीटर की है में पानी स्टोर किया जाता है और यहां से छोटी नहरों की सहायता से पूरे 80 एकड़ भूमि को सिंचित किया जाता है। इस तरह योजना बहुत ही किफायती हैं

You may also like